FII Investment: सिर्फ 7 दिन में बदला मूड! FIIs ने उड़ाए ₹30,000 करोड़, जानिए आखिर क्यों

FII Investment: हाल ही में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार में अपनी गतिविधियों से निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। जहां पहले वे बिकवाली कर रहे थे, वहीं अब उन्होंने ₹30,000 करोड़ की खरीदारी करके बाजार में नई ऊर्जा भरी है। आइए समझते हैं कि 7 दिनों में ऐसा क्या बदल गया कि FIIs को अपना मूड बदलना पड़ा।

विदेशी निवेशकों की वापसी

मार्च 2025 की शुरुआत में FIIs ने भारतीय शेयर बाजार से ₹30,015 करोड़ की निकासी की थी, जिससे बाजार में गिरावट देखी गई। हालांकि, महीने के दूसरे पखवाड़े में उन्होंने जोरदार वापसी की और ₹30,000 करोड़ से अधिक की खरीदारी की। विशेष रूप से, 25 मार्च को FIIs ने ₹5,371.57 करोड़ के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू निवेशकों (DIIs) ने ₹2,768.87 करोड़ के शेयर बेचे।

FIIs की रणनीति में बदलाव के कारण

  1. मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था: भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार और स्थिरता ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है। विकास दर में तेजी और मुद्रास्फीति में गिरावट जैसे संकेतकों ने FIIs को आकर्षित किया है।
  2. डॉलर में कमजोरी: अमेरिकी डॉलर की कमजोरी के चलते उभरते बाजारों में निवेश का आकर्षण बढ़ा है, जिससे FIIs ने भारतीय बाजार की ओर रुख किया है।
  3. वैश्विक संकेतों का प्रभाव: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सकारात्मक रुझान और व्यापारिक तनावों में कमी ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया है, जिससे भारतीय बाजार में निवेश बढ़ा है।

शेयर बाजार पर प्रभाव

FIIs की इस खरीदारी से भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली है। सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांक लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे निवेशकों का मनोबल ऊंचा हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो बाजार नए उच्चतम स्तरों को छू सकता है।

निवेशकों के लिए सलाह

हालांकि बाजार में तेजी का दौर है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्हें अपने निवेश को विविधीकृत करना चाहिए और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। इसके अलावा, बाजार के रुझानों पर नजर रखना और विशेषज्ञों की सलाह लेना भी महत्वपूर्ण है।

Conclusion- FII Investment

FIIs की भारतीय बाजार में वापसी और उनकी भारी खरीदारी से बाजार में सकारात्मकता आई है। मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था, डॉलर की कमजोरी और वैश्विक संकेतों के चलते यह बदलाव संभव हुआ है। निवेशकों को इस अवसर का लाभ उठाते हुए सतर्कता और समझदारी से निवेश करना चाहिए।

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