New Tax Rule: नमस्कार दोस्तों! अगर आप किसी पार्टनरशिप फर्म से जुड़े हैं या खुद एक पार्टनर हैं, तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। 1 अप्रैल 2025 से एक नया टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) नियम लागू होने जा रहा है, जिसके तहत पार्टनरशिप फर्मों को अपने पार्टनर्स को किए जाने वाले कुछ विशेष पेमेंट्स पर TDS काटना अनिवार्य होगा। आइए, इस नए नियम को विस्तार से समझते हैं।
नया TDS नियम क्या है?
आयकर अधिनियम, 1961 में धारा 194T जोड़ी गई है, जो पार्टनरशिप फर्मों द्वारा अपने पार्टनर्स को किए गए कुछ विशेष पेमेंट्स पर TDS काटने का प्रावधान करती है। यह नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा।
किन पेमेंट्स पर लागू होगा TDS?
इस नए नियम के तहत, निम्नलिखित पेमेंट्स पर TDS काटना आवश्यक होगा:
- सैलरी (Salary): पार्टनर्स को दी जाने वाली वेतन राशि।
- रेम्यूनरेशन (Remuneration): सेवाओं के बदले दी जाने वाली राशि।
- कमीशन (Commission): बिक्री या अन्य उद्देश्यों के लिए दी जाने वाली कमीशन राशि।
- बोनस (Bonus): अतिरिक्त प्रोत्साहन के रूप में दी जाने वाली राशि।
- ब्याज (Interest): पार्टनर्स के किसी भी खाते (कैपिटल अकाउंट सहित) पर दिया जाने वाला ब्याज।
TDS की दर और छूट की सीमा
- यदि पार्टनर को वित्तीय वर्ष में कुल पेमेंट या क्रेडिट ₹20,000 से कम है, तो TDS काटने की आवश्यकता नहीं होगी।
- यदि पेमेंट या क्रेडिट ₹20,000 से अधिक है, तो पूरे अमाउंट पर 10% की दर से TDS काटा जाएगा।
प्रॉफिट शेयरिंग पर TDS लागू नहीं
ध्यान देने वाली बात है कि फर्म के प्रॉफिट में पार्टनर्स की हिस्सेदारी पर TDS नहीं काटा जाएगा, क्योंकि फर्म पहले ही उस प्रॉफिट पर टैक्स अदा कर चुकी होती है।
फर्मों और पार्टनर्स पर प्रभाव
- फर्मों के लिए: अब फर्मों को पार्टनर्स को पेमेंट करने से पहले TDS काटना होगा और उसे समय पर सरकार के खाते में जमा करना होगा।
- पार्टनर्स के लिए: पार्टनर्स को मिलने वाली राशि TDS कटौती के बाद होगी, और उन्हें अपने इनकम टैक्स रिटर्न में इस कटौती का उल्लेख करना होगा।
टैक्स चोरी रोकने में मदद
इस नए नियम का मुख्य उद्देश्य टैक्स चोरी को रोकना और टैक्स अनुपालन को बढ़ावा देना है। इससे टैक्स प्रशासन में पारदर्शिता आएगी और सरकार को समय पर टैक्स संग्रह करने में मदद मिलेगी।
SMEs और LLPs पर प्रभाव
स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (SMEs) और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप्स (LLPs) के लिए यह नियम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। अब उन्हें अपने अकाउंट्स को समय पर क्लोज करना होगा ताकि रेम्यूनरेशन और अन्य पेमेंट्स पर सही समय पर TDS काटा जा सके।
Conclusion
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाला यह नया TDS नियम पार्टनरशिप फर्मों और उनके पार्टनर्स के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। सभी संबंधित पक्षों को इस नियम के प्रावधानों को समझकर समय पर अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की पेनाल्टी या टैक्स मिसमैच से बचा जा सके।
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