Nifty 50 Crash: नमस्कार दोस्तों! शेयर बाजार में निवेश करते समय यह जानना बेहद जरूरी है कि अगर बाजार में अचानक भारी गिरावट आती है, तो ट्रेडिंग किस समय और किन स्तरों पर बंद हो सकती है। इस लेख में, हम Nifty 50 में संभावित गिरावट के दौरान लागू होने वाले सर्किट ब्रेकर और उनके प्रभावों पर चर्चा करेंगे। तो चलिए, बिना देर किए जानते हैं इन महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
सर्किट ब्रेकर क्या होते हैं?
सर्किट ब्रेकर एक सुरक्षा तंत्र है जो शेयर बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए लागू किया जाता है। जब बाजार किसी निर्धारित प्रतिशत (जैसे 10%, 15%, या 20%) से अधिक गिरता है, तो सर्किट ब्रेकर सक्रिय हो जाते हैं और ट्रेडिंग को कुछ समय के लिए रोक दिया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य निवेशकों को घबराहट में निर्णय लेने से रोकना और बाजार को स्थिर करना है।
Nifty 50 में सर्किट ब्रेकर के स्तर और समय
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, सर्किट ब्रेकर तीन स्तरों पर लागू होते हैं: 10%, 15%, और 20%। ये स्तर Nifty 50 या BSE Sensex में से जो पहले उल्लिखित सीमा तक पहुंचता है, उसके आधार पर सक्रिय होते हैं। आइए समझते हैं कि इन स्तरों पर ट्रेडिंग कैसे और कब बंद होती है:
10% की गिरावट
- सुबह 1:00 बजे से पहले: यदि बाजार में 10% की गिरावट सुबह 1:00 बजे से पहले होती है, तो ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोक दी जाती है। इसके बाद, 15 मिनट की प्री-ओपन कॉल ऑक्शन सेशन होती है, जिसमें नए मूल्य निर्धारित किए जाते हैं।
- दोपहर 1:00 बजे से 2:30 बजे के बीच: इस समयावधि में 10% की गिरावट होने पर ट्रेडिंग 15 मिनट के लिए बंद होती है, और फिर से 15 मिनट की प्री-ओपन सेशन होती है।
- दोपहर 2:30 बजे के बाद: यदि 10% की गिरावट दोपहर 2:30 बजे के बाद होती है, तो ट्रेडिंग बंद नहीं होती है और बाजार सामान्य रूप से चलता रहता है।
15% की गिरावट
- सुबह 1:00 बजे से पहले: इस स्थिति में, ट्रेडिंग 1 घंटा 45 मिनट के लिए रोक दी जाती है, इसके बाद 15 मिनट की प्री-ओपन सेशन होती है।
- दोपहर 1:00 बजे से 2:00 बजे के बीच: ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए बंद होती है, और फिर से 15 मिनट की प्री-ओपन सेशन होती है।
- दोपहर 2:00 बजे के बाद: यदि 15% की गिरावट दोपहर 2:00 बजे के बाद होती है, तो उस दिन के लिए ट्रेडिंग पूरी तरह से बंद कर दी जाती है।
20% की गिरावट
- किसी भी समय: यदि बाजार में 20% की गिरावट किसी भी समय होती है, तो उस दिन के लिए ट्रेडिंग तुरंत बंद कर दी जाती है और शेष दिन के लिए नहीं खोली जाती है।
सर्किट ब्रेकर का उद्देश्य
सर्किट ब्रेकर का मुख्य उद्देश्य बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के दौरान निवेशकों को समय देना है ताकि वे सोच-समझकर निर्णय ले सकें। यह तंत्र घबराहट में होने वाली बिक्री या खरीदारी को रोकता है और बाजार की स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।
निवेशकों के लिए सलाह
यदि आप निवेशक हैं, तो सर्किट ब्रेकर के इन नियमों को समझना आपके लिए आवश्यक है। बाजार में अचानक गिरावट के दौरान घबराने की बजाय, इन नियमों के बारे में जागरूक रहें और सोच-समझकर निर्णय लें। हमेशा अपने निवेश को विविधता दें और दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखें ताकि बाजार के उतार-चढ़ाव का प्रभाव कम हो सके।
Conclusion- Nifty 50 Crash
Nifty 50 Crash में भारी गिरावट के दौरान सर्किट ब्रेकर एक महत्वपूर्ण सुरक्षा तंत्र है जो बाजार की स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है। इन स्तरों और समयों को समझकर, आप बेहतर निवेश निर्णय ले सकते हैं और बाजार की अनिश्चितताओं से बच सकते हैं। हमेशा सतर्क रहें, जानकारीपूर्ण निर्णय लें, और अपने निवेश को सुरक्षित रखें।
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