PPF Investment: इन नियमों का रखें ध्यान मैच्योरिटी के बाद भी कमाई के 3 विकल्प, मिलता रहता है ब्याज पर ब्याज

PPF Investment: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भारतीय निवेशकों के बीच एक लोकप्रिय और सुरक्षित निवेश विकल्प है। यह न केवल टैक्स बचत का लाभ देता है, बल्कि लंबी अवधि में सुनिश्चित रिटर्न भी प्रदान करता है। PPF की मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष होती है, लेकिन इसके बाद भी निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार खाते को जारी रख सकते हैं। आइए जानते हैं कि मैच्योरिटी के बाद PPF में निवेशकों के पास कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं और उन्हें किन नियमों का पालन करना चाहिए।

मैच्योरिटी के बाद PPF खाते के 3 विकल्प

1. पूरी राशि की निकासी

मैच्योरिटी के बाद, निवेशक अपनी जमा की गई पूरी राशि को ब्याज सहित निकाल सकते हैं। इसके लिए संबंधित बैंक या पोस्ट ऑफिस में एक फॉर्म जमा करना होता है। फॉर्म जमा करने के कुछ दिनों बाद, पूरी राशि निवेशक के बचत खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।

2. खाते को 5 वर्षों के लिए बढ़ाना (नए योगदान के साथ)

यदि आप निवेश जारी रखना चाहते हैं, तो PPF खाते को 5 वर्षों के लिए बढ़ा सकते हैं। इसके लिए मैच्योरिटी के एक वर्ष के भीतर संबंधित बैंक या पोस्ट ऑफिस में एक एप्लिकेशन जमा करनी होती है। इस अवधि में आप नए योगदान जारी रख सकते हैं और जमा राशि पर नियमित ब्याज मिलता रहेगा।

3. खाते को 5 वर्षों के लिए बढ़ाना (बिना नए योगदान के)

यदि आप नए योगदान नहीं करना चाहते, तो भी PPF खाते को 5 वर्षों के लिए बढ़ा सकते हैं। इस विकल्प में, जमा की गई राशि पर ब्याज मिलता रहेगा, लेकिन नए योगदान की अनुमति नहीं होगी। इस अवधि में आप जरूरत के अनुसार आंशिक निकासी भी कर सकते हैं।

ब्याज पर ब्याज का लाभ (कंपाउंडिंग)

PPF में निवेश का एक प्रमुख आकर्षण इसका कंपाउंडिंग इंटरेस्ट है। यहां, आपकी जमा राशि पर हर साल ब्याज मिलता है, और यह ब्याज भी अगले वर्षों में मूलधन में जुड़कर ब्याज अर्जित करता है। इस प्रकार, लंबे समय में आपकी निवेशित राशि में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।

PPF के अन्य महत्वपूर्ण लाभ

PPF निवेशकों को टैक्स बेनिफिट्स भी प्रदान करता है। यह योजना EEE कैटेगरी में आती है, यानी निवेश की गई राशि, अर्जित ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी राशि तीनों टैक्स फ्री होती हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत, आप प्रति वर्ष अधिकतम ₹1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं।

निवेशकों के लिए सुझाव

  • नियमित योगदान: PPF खाते में न्यूनतम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख प्रति वर्ष जमा किया जा सकता है। नियमित योगदान से आप अधिक रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
  • लंबी अवधि के लिए योजना बनाएं: PPF एक लंबी अवधि का निवेश उपकरण है। इसलिए, इसे अपनी वित्तीय योजनाओं में शामिल करते समय लंबी अवधि के लक्ष्यों को ध्यान में रखें।
  • मैच्योरिटी के बाद विकल्पों का मूल्यांकन करें: 15 वर्षों की अवधि पूरी होने पर, अपने वित्तीय लक्ष्यों और आवश्यकताओं के अनुसार उपरोक्त विकल्पों में से उचित विकल्प चुनें।

Conclusion- PPF Investment

PPF एक सुरक्षित और लाभदायक निवेश विकल्प है जो लंबी अवधि में सुनिश्चित रिटर्न और टैक्स बेनिफिट्स प्रदान करता है। मैच्योरिटी के बाद उपलब्ध विकल्पों का सही चयन करके, आप अपने निवेश से अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। नियमित योगदान, लंबी अवधि की योजना और समझदारी से लिए गए निर्णय आपके वित्तीय भविष्य को सुरक्षित बनाने में सहायक होंगे।

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