Swiggy Share: ₹7.59 करोड़ का टैक्स नोटिस! Swiggy की मुश्किलें बढ़ीं, शेयर पर रहेगी नजर!

नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे Swiggy Share के हाल ही में मिले टैक्स डिमांड नोटिस के बारे में, जिसने निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। आइए जानते हैं पूरी कहानी और इसका कंपनी के शेयरों पर क्या असर पड़ सकता है।

Swiggy को मिला ₹7.59 करोड़ का टैक्स नोटिस

Swiggy, जो कि भारत की प्रमुख फूड और ग्रोसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म है, को महाराष्ट्र सरकार के प्रोफेशन टैक्स विभाग से ₹7.59 करोड़ का टैक्स डिमांड नोटिस मिला है। यह नोटिस कंपनी पर आरोप लगाता है कि उसने अपने कर्मचारियों के वेतन से प्रोफेशनल टैक्स की सही कटौती नहीं की है, जो कि महाराष्ट्र स्टेट टैक्स ऑन प्रोफेशन्स, ट्रेड्स, कॉलिंग्स एंड एम्प्लॉयमेंट्स एक्ट, 1975 के तहत आवश्यक है।

Swiggy का पक्ष

Swiggy का कहना है कि उनके पास इस आदेश के खिलाफ मजबूत तर्क हैं और वे इसे रिव्यू या अपील के माध्यम से चुनौती देने की योजना बना रहे हैं। कंपनी का यह भी मानना है कि इस आदेश का उनके वित्तीय स्थिति और संचालन पर कोई बड़ा प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

पहले भी मिला था ₹158 करोड़ का टैक्स डिमांड

यह पहली बार नहीं है जब Swiggy को टैक्स डिमांड नोटिस मिला है। इससे पहले, 1 अप्रैल 2025 को, कंपनी को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से ₹158.25 करोड़ का एक और टैक्स डिमांड नोटिस मिला था। यह नोटिस अप्रैल 2021 से मार्च 2022 की अवधि के लिए था और इसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी ने मर्चेंट्स को दिए गए कैंसलेशन चार्जेस पर टैक्स नहीं चुकाया था और इनकम टैक्स रिफंड पर मिले ब्याज को कर योग्य आय में शामिल नहीं किया था।

निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है यह?

इन टैक्स डिमांड्स के बावजूद, Swiggy का कहना है कि इनका उनके वित्तीय प्रदर्शन पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है और कंपनी के आगे के कदमों पर नजर रखनी चाहिए। यदि Swiggy इन आदेशों के खिलाफ अपील करता है और सफल होता है, तो यह कंपनी के लिए सकारात्मक होगा। लेकिन यदि अपील असफल होती है, तो कंपनी को इन टैक्स देनदारियों का भुगतान करना पड़ सकता है, जो उनके वित्तीय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

Conclusion- Swiggy Share

Swiggy को मिले इन टैक्स डिमांड नोटिसों ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। कंपनी का दावा है कि उनके पास इन आदेशों के खिलाफ मजबूत तर्क हैं और वे अपील करने की योजना बना रहे हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे कंपनी के आगे के कदमों पर नजर रखें और अपने निवेश निर्णय सोच-समझकर लें।

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