वेदांता लिमिटेड ने हाल ही में अपनी ‘स्कीम ऑफ अरेंजमेंट’ को लेकर महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया है, जिससे निवेशकों और बाजार विशेषज्ञों की उत्सुकता बढ़ गई है। आइए जानते हैं इस अपडेट के बारे में विस्तार से।
डीमर्जर योजना में महत्वपूर्ण बदलाव
वेदांता ने पहले अपने कारोबार को छह अलग-अलग कंपनियों में विभाजित करने की योजना बनाई थी। हालांकि, हाल के अपडेट के अनुसार, बेस मेटल्स कारोबार को इस विभाजन से बाहर रखा गया है। कंपनी ने कहा है कि इस व्यवसाय के विभाजन पर भविष्य में विचार किया जाएगा।
शेयरधारकों और ऋणदाताओं की बैठकें
कंपनी ने 18 फरवरी 2025 को शेयरधारकों और ऋणदाताओं की बैठक आयोजित की, जिसमें विभाजन योजना पर चर्चा की गई। इन बैठकों में 99.99% शेयरधारकों, 99.59% सिक्योरड ऋणदाताओं और 99.95% अनसिक्योरड ऋणदाताओं ने योजना के पक्ष में मतदान किया
एनसीएलटी की चुनौती
हालांकि, हाल ही में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) की स्कीम ऑफ अरेंजमेंट को खारिज कर दिया है। एनसीएलटी ने पाया कि टीएसपीएल ने अपनी वित्तीय देनदारियों के बारे में आवश्यक जानकारी का खुलासा नहीं किया था, जिससे योजना पर सवाल उठे।
Conclusion- Vedanta Share
वेदांता की विभाजन योजना में आए इन बदलावों और चुनौतियों के बीच, निवेशकों को सतर्क रहकर कंपनी की आगामी घोषणाओं और बाजार स्थितियों पर ध्यान देना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि निवेश निर्णय लेने से पहले सभी संबंधित जानकारियों का मूल्यांकन किया जाए।
नोट: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है। निवेश से पहले सभी संबंधित दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें और समझें।
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